टोरंटो से खबर है कि Ashley madison नाम की एक डेटिंग साइट, जो शादीशुदा लोगों के लिए है, उसकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले साल हैकर्स ने इस साइट पर हमला किया था और उसके यूजर्स की जानकारी चोरी कर ली थी। अब अमेरिका की सरकारी एजेंसी FTC भी इस कंपनी की जांच कर रही है।
Ashley madison के नए बॉस चाहते हैं कि लोग फिर से इस साइट पर भरोसा करें। उन्होंने रायटर्स को बताया कि FTC उनकी कंपनी की जांच कर रही है। लगता है कि Ashley madison की मुश्किलें अभी और बढ़ सकती हैं।
हैकिंग वाली घटना बहुत बड़ी मुसीबत बन गई।
Ashley madison की वो हैकिंग वाली घटना बहुत बड़ी मुसीबत बन गई। उन्होंने तो अपने यूजर्स से कहा था “जिंदगी छोटी है, मजे कर लो”, पर अब लाखों लोगों की निजी बातें सबके सामने आ गईं।
कंपनी के नए बॉस रॉब सेगल और जेम्स मिलरशिप ने बताया कि इस चक्कर में उनकी कमाई का एक चौथाई हिस्सा डूब गया। ये दोनों बड़े अफसर पहली बार इस मामले पर खुलकर बोले हैं। लगता है कंपनी अभी तक इस झटके से उबर नहीं पाई है।
सुरक्षा में कंजूसी करना कितना महंगा पड़ सकता है।
कंपनी के नए बॉस सेगल ने सीधे-सीधे माना कि उन्होंने गलती की। उन्होंने कहा, “हमसे चूक हो गई, हमें बहुत बुरा लग रहा है।” फिर उन्होंने ये भी कहा कि अगर वो सुरक्षा पर ज्यादा पैसा लगाते, तो शायद ये सब नहीं होता।
अप्रैल में जो नए बॉस आए
अप्रैल में जो नए बॉस आए, उन्होंने बताया कि अब वो सुरक्षा पर खूब पैसा लगा रहे हैं। लाखों डॉलर खर्च कर रहे हैं ताकि ऐसी गड़बड़ी फिर न हो।
साथ ही, वो ऐसे तरीके भी ढूंढ रहे हैं जिससे लोग पैसे दें तो उनकी पहचान छिपी रहे। मतलब साफ है – वो चाहते हैं कि लोग फिर से उन पर भरोसा करें और बेफिक्र होकर साइट का इस्तेमाल करें।
मुसीबतें अभी खत्म नहीं हुई हैं।
Ashley madison की मुसीबतें अभी खत्म नहीं हुई हैं। उनके सामने कई बड़ी परेशानियां हैं:
अमेरिका और कनाडा के कई यूजर्स ने मिलकर कंपनी पर केस कर दिया है। वजह ये है कि उनकी निजी जानकारी इंटरनेट पर लीक हो गई थी।
कुछ लोगों का कहना है कि कंपनी ने उन्हें फंसाने के लिए फर्जी प्रोफाइल बनाए थे। यानी कि कंपनी ने धोखा दिया।
साइट पर औरतों के मुकाबले पुरुषों की संख्या बहुत ज्यादा है। हर एक औरत के मुकाबले पांच पुरुष हैं।
पेड मेंबर्स को बेवकूफ बनाया।
Ashley madison की कंपनी एविड ने एक बड़ी कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग से अपनी जांच करवाई। इस जांच की रिपोर्ट रॉयटर्स को दी गई। इस रिपोर्ट से एक बड़ा खुलासा हुआ।
दरअसल, एविड ने एक कंप्यूटर प्रोग्राम बनाया था जिसका नाम था ‘फेमबॉट’। ये प्रोग्राम क्या करता था? ये ऐसे मैसेज भेजता था जो लगते थे किसी असली औरत ने भेजे हैं। और ये मैसेज उन मर्दों को भेजे जाते थे जो साइट पर पैसे देकर मेंबर बने थे।
मतलब साफ है – कंपनी ने अपने पेड मेंबर्स को बेवकूफ बनाया। उन्हें लगा कि वे असली औरतों से बात कर रहे हैं, जबकि वे एक कंप्यूटर प्रोग्राम से बात कर रहे थे।
अर्न्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट में कुछ और भी जानकारी मिली:
एविड कंपनी ने 2014 में अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में इन फर्जी प्रोफाइल्स को बंद कर दिया था।
विश्व के अन्य हिस्सों में उन्होंने यह कार्य 2015 के अंत तक जारी रखा।
लेकिन एक दिलचस्प बात ये है कि कुछ अमेरिकी यूजर्स 2015 के अंत तक दूसरे देशों के फेमबॉट्स से बात करते रहे।
मतलब साफ है – कंपनी ने धीरे-धीरे इस गलत काम को बंद किया, लेकिन पूरी तरह से नहीं। कुछ लोग अभी भी इन फर्जी प्रोफाइल्स के झांसे में थे।
एक और डेटिंग साइट थी –
देखो, Ashley madison अकेली नहीं थी जो ऐसी गड़बड़ कर रही थी। एक और डेटिंग साइट थी – जेडीआई डेटिंग। उन्होंने भी ऐसी ही शैतानी की थी।
लेकिन उनकी पोल खुल गई। अमेरिका की सरकारी एजेंसी FTC ने उन्हें पकड़ लिया। फिर क्या हुआ?
जेडीआई डेटिंग को अपनी गलती माननी पड़ी और जुर्माना भरना पड़ा। वो भी कितना? पूरे 6 लाख 16 हजार 165 डॉलर! ये बात अक्टूबर 2014 की है।
FTC
एविड कंपनी के लोग खुद भी नहीं जानते कि FTC क्या-क्या जांच कर रही है।
जब कंपनी के बॉस सेगल से पूछा गया कि अमेरिकी यूजर्स को भेजे गए फर्जी मैसेज के बारे में क्या कहना है, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया। बस इतना कहा कि ये मामला अभी FTC के पास चल रहा है।
FTC की एक टीम है जो ऐसे मामले देखती है जहां कंपनियां लोगों को झूठ बोलती हैं। जैसे:
अगर कोई कंपनी कहती है कि आपकी जानकारी सुरक्षित है, पर फिर उसे ठीक से नहीं संभालती।
या फिर कोई कंपनी गलत विज्ञापन देती है।
वकील
याद है, हमने पहले जेडीआई डेटिंग के बारे में बात की थी? उनके वकील का नाम है लॉरेंस वाल्टर्स। ये वही शख्स है जिसने 2014 में जेडीआई डेटिंग का केस लड़ा था।
अब इस वकील ने क्या कहा? उसने कहा कि उसे लगता है कि FTC सिर्फ फर्जी प्रोफाइल की बात नहीं देखेगी। वो शायद ये भी देखेगी कि Ashley madison की हैकिंग कैसे हुई।
मतलब साफ है – FTC की जांच में सिर्फ फर्जी मैसेज नहीं, बल्कि यूजर्स की जानकारी चोरी होने का मामला भी हो सकता है।
वो वकील, लॉरेंस वाल्टर्स, और क्या कह रहा है? वो कहता है:
इन दिनों FTC का पूरा ध्यान इस बात पर है कि लोगों की निजी जानकारी कैसे लीक हुई।”
फिर वो कहता है, “मुझे तो बिल्कुल हैरानी नहीं होगी अगर FTC अभी भी Ashley madison पर नजर रखे हुए है।”
मतलब साफ है – ये वकील सोचता है कि FTC अभी भी Ashley madison के पीछे पड़ी हुई है। उनका मुख्य सवाल ये हो सकता है कि यूजर्स की जानकारी कैसे चोरी हुई और क्या कंपनी ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की।
बॉस
सबसे पहले, FTC के बोलने वाले ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। मतलब वो चुप रहे।
अब Ashley madison की पुरानी बात। हैक होने से पहले ये कंपनी खूब चर्चा में थी। उनके पुराने बॉस नोएल बिडरमैन ने तो यहां तक कह दिया था कि उनकी कंपनी की कीमत 1 अरब डॉलर है!
लेकिन नए बॉस सेगल ने माना कि ये बात सही नहीं थी। कंपनी इतनी कीमती नहीं है।
और हां, एक बड़ी बात – अभी तक कंपनी को ये भी नहीं पता कि उन पर हमला कैसे हुआ और किसने किया।
भरोसा फिर से जीत सके।
Ashley madison की कंपनी ने अब अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठाए हैं।
उन्होंने डेलोइट नाम की एक बड़ी कंपनी से मदद मांगी है। डेलोइट के पास ऐसे लोग हैं जो कंप्यूटर सुरक्षा के मामले में माहिर हैं।
अब वे एक ऐसा लक्ष्य रख रहे हैं जिसे ‘भुगतान कार्ड उद्योग अनुपालन का पहला स्तर’ कहते हैं। ये एक तरह का सुरक्षा स्टैंडर्ड है जो बताता है कि आपके पैसे और जानकारी कितनी सुरक्षित हैं।
वे उम्मीद कर रहे हैं कि सितंबर तक वे इस स्तर तक पहुंच जाएंगे।
सीधे शब्दों में कहें तो, कंपनी कोशिश कर रही है कि लोगों का भरोसा फिर से जीत सके। वे दिखाना चाहते हैं कि अब उनकी सुरक्षा पहले से बेहतर है।
बैकडोर
डेलोइट कंपनी में एक शख्स है – रॉबर्ट मैसे। वो उस टीम का लीडर है जो मुसीबत में फंसी कंपनियों की मदद करती है। उसने क्या कहा?
उसने कहा, “हमें Ashley madison की पूरी सुरक्षा व्यवस्था को नए सिरे से बनाना पड़ा।” मतलब, पुरानी सुरक्षा इतनी खराब थी कि उसे ठीक करने की बजाय पूरी नई बनानी पड़ी।
फिर उसने एक और बड़ी बात बताई। सितंबर के आखिर में जब उनकी टीम ने Ashley madison के कंप्यूटर सिस्टम को चेक किया, तो उन्हें कुछ गड़बड़ मिली।
उन्होंने देखा कि कंपनी के लिनक्स सर्वर में ‘बैकडोर’ थे। बैकडोर यानी ऐसा रास्ता जिससे कोई चोर आसानी से अंदर घुस सकता है।
एविड लाइफ कंपनी
एविड लाइफ कंपनी के लिए अच्छी खबर है। इस साल वे करीब 80 मिलियन डॉलर कमाने की उम्मीद कर रहे हैं। और इसमें से 35-40% उनका मुनाफा होगा। यानी हर 100 रुपए की कमाई में 35-40 रुपए उनके पास बचेंगे।
लेकिन 2015 की तुलना में ये थोड़ा कम है। उस साल उन्होंने 109 मिलियन डॉलर कमाए थे और 49% मुनाफा था। यानी तब हर 100 रुपए में 49 रुपए बचते थे।
एशले madison नाम वैसा ही रहेगा।
एशले madison एक ऐसी वेबसाइट है जो शादीशुदा लोगों को दूसरों के साथ रिश्ते बनाने में मदद करती है। अब कंपनी के बड़े लोगों ने कहा है कि वे अपना काम बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
वे अब लोगों को धोखा देने में मदद करने की बजाय, दूसरी चीजों पर ध्यान देना चाहते हैं। लेकिन वे कंपनी का नाम नहीं बदलेंगे। एशले madison नाम वैसा ही रहेगा।
सीधे शब्दों में कहें तो, वे अपना व्यापार मॉडल बदल रहे हैं, लेकिन अपना मशहूर नाम नहीं छोड़ना चाहते।
सेगल
सेगल, जो शायद कंपनी का कोई बड़ा अधिकारी है, ने कहा:
“हम पक्के तौर पर मानते हैं कि एशले madison की छवि को सुधारा जा सकता है।”
मतलब ये कि अभी लोग एशले madison के बारे में अच्छा नहीं सोचते। लेकिन सेगल का मानना है कि वे इसे बदल सकते हैं। वे चाहते हैं कि लोग फिर से एशले madison के बारे में अच्छा सोचें।
सीधे शब्दों में कहें तो, वे कंपनी की साख को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे। वे चाहते हैं कि लोग भूल जाएं कि यह कंपनी पहले क्या करती थी, और अब इसे एक नई नजर से देखें।
मिलरशिप
मिलरशिप, जो शायद कंपनी का कोई बड़ा अधिकारी है, ने कहा:
हमारे हाथों में 50 करोड़ की मोटी रकम है। इस धन से हम अन्य गुप्त प्रेम-मिलन कराने वाली वेबसाइटों को या तो अपने कब्जे में लेना चाहते हैं, या फिर उनके साथ गठजोड़ करके अपना साम्राज्य फैलाना चाहते हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो:
उनके पास बहुत सारा पैसा है – 50 मिलियन डॉलर।
वे इस पैसे से अपने जैसी दूसरी डेटिंग वेबसाइटें खरीदना चाहते हैं।
या फिर ऐसी वेबसाइटों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।
ये सभी वेबसाइटें ऐसी होंगी जो लोगों को छिपकर डेट करने में मदद करती हैं।
ये खबर सिर्फ एक पत्रकार ने नहीं लिखी।
ये खबर सिर्फ एक पत्रकार ने नहीं लिखी। इसमें कई लोगों ने मदद की:
जोनाथन स्टेम्पेल ने न्यूयॉर्क से कुछ और जानकारी जोड़ी।
डायने बार्ट्ज़ ने वाशिंगटन से भी कुछ जानकारी दी।
फिर सैंड्रा मालेर और सिंथिया ओस्टरमैन ने इस खबर को अच्छी तरह से जांचा और सुधारा।
यानी, ये एक टीम का काम है। अलग-अलग शहरों से लोगों ने मिलकर इस खबर को तैयार किया। फिर दो लोगों ने इसे अच्छी तरह से जांचा ताकि ये पक्का हो जाए कि खबर सही है और अच्छी तरह से लिखी गई है।
ऐसा बड़ी खबरों के साथ अक्सर होता है। कई लोग मिलकर काम करते हैं ताकि खबर ज्यादा सटीक और विस्तृत हो।
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