Navdeep singh: भारतीय पैरालंपिक एथलीट

Navdeep singh, भारत के प्रसिद्ध पैरालंपिक स्टार हैं, जिन्होंने जैवलिन थ्रो में देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने पेरिस पैरालंपिक 2024 में पुरुष भाला फेंक एफ41 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। नवदीप सिंह का जन्म हरियाणा के पानीपत के बुआना लाखु गांव में हुआ था और उन्होंने कठिन परिस्थितियों में खेलकर देश का नाम ऊंचा किया है।

Navdeep singh
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प्रमुख बिंदु:

  • Navdeep singh ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में पुरुष भाला फेंक एफ41 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता।
  • उनके हाथों से छूटा भाला, छू लिया आसमान,
  • 47.32 मीटर की उड़ान, पैरालंपिक का नया मान।
  • Navdeep singh भारत के 13 पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट में से एक हैं।
  • ईरानी खिलाड़ी की गलती से नवदीप सिंह को गोल्ड मेडल मिला।
  • Navdeep singh का जन्म हरियाणा के पानीपत के बुआना लाखु गांव में हुआ था।
  • Indian paralympic athlete

Navdeep singh: भारतीय पैरालंपिक स्टार

पीठ में दर्द के कारण कुश्ती से दूर होना पड़ा था नवदीप सिंह को। लेकिन उन्होंने खेल के मैदान पर अपनी जज्बे और संघर्ष की मिसाल पेश की। पैरालंपिक खिलाड़ी Navdeep singh ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में पुरुष भाला फेंक एफ41 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा。

पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले Navdeep singh की कहानी

पानीपत के बुआना लाखु गांव से आने वाले नवदीप सिंह ने अपने तीसरे प्रयास में 47.32 मीटर का थ्रो किया। यह उनका बेस्ट प्रदर्शन था। उनकी इस कामयाबी ने पूरे देश को गर्व से भर दिया।

Navdeep singh ने कठिन परिस्थितियों में खेलकर देश का नाम ऊंचा किया है। उनके पिता दलबीर सिंह पहलवान थे। उन्होंने नवदीप को भी कुश्ती के अखाड़े में उतारा था, लेकिन अखाड़े की मिट्टी छोड़ दी,
पीठ की व्यथा ने जीत ली।

पेरिस पैरालंपिक 2024 में पैरालंपिक खिलाड़ी नवदीप सिंह का ये कारनामा भारत के लिए गर्व का क्षण है। उनकी इस कामयाबी ने देश में पैरालंपिक खेलों के प्रति जनता के जोश को और बढ़ा दिया है।

पैरालंपिक खेलों में भारत का शानदार प्रदर्शन

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने शानदार काम किया है। देश ने 29 पदक जीतकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इनमें 7 गोल्ड, 10 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।

यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सिद्ध हुआ है। टोक्यो पैरालंपिक में भी भारत ने 7 गोल्ड मेडल जीता था।

29 पदक जीतकर बनाया नया रिकॉर्ड

पेरिस पैरालंपिक में भारत ने 29 मेडल जीते। इनमें 7 गोल्ड, 10 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज शामिल हैं।

यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सिद्ध हुआ है।

7 गोल्ड, 10 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल

पेरिस पैरालंपिक में भारत ने 29 मेडल जीते। इनमें 7 गोल्ड, 10 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज शामिल हैं।

Navdeep singh
Navdeep singh

Navdeep singh का जुनून और लगन

Navdeep singh ने कठिन परिस्थितियों में भी अपने जुनून और लगन को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने 2017 में पैरा एथलीट संदीप चौधरी को भाला फेंकते देखा और इसी खेल को अपना जुनून बना लिया। हालांकि उनकी छोटी लंबाई के कारण इस खेल में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करके पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता।

Navdeep singh ने भारत को पेरिस पैरालंपिक एफ-47 में पहला मेडल जीतने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने अपनी जीत के लिए 47.32 मीटर का थ्रो किया था और दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर का थ्रो किया। हालांकि उनकी लंबाई चार फुट चार इंच है, जो उनके खेल के लिए एक चुनौती है, लेकिन वह लगातार अपनी रफ्तार बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।

नवदीप ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर पेरिस पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया। उनका गोल्ड मेडल 7 सितंबर 2024 को प्राप्त हुआ, जो उनका पहला गोल्ड मेडल है। ईरानी एथलीट की एक चूक ने भारत के लिए स्वर्ण का रास्ता खोल दिया। 47.64 मीटर के शानदार थ्रो के बावजूद, ईरानी खिलाड़ी को अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप नवदीप के गले में सोने का तमगा सज गया।

नवदीप सिंह ने अभी तक 144 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार तक की गेंदें डाली हैं, और उनका लक्ष्य अपनी रफ्तार को 150 किमी प्रतिघंटा तक बढ़ाना है। उनका यह जुनून और लगन उन्हें और अधिक सफलता दिलाएंगे।

Navdeep singh
Navdeep singh

परिवार का सहयोग और मां की प्रार्थना

Navdeep singh के परिवार ने उन्हें हर कदम पर सहयोग दिया। उनकी मां मुकेश रानी और भाभी ने मैच के दिन व्रत रखकर नवदीप की जीत की कामना की। मैच के दौरान वे टीवी के सामने बैठकर हाथ जोड़कर प्रार्थना करते रहे।

नवदीप के बड़े भाई मनदीप ने भी उनकी मेहनत में अहम भूमिका निभाई और उन्हें हौसला दिया।

मां और भाभी ने रखा था व्रत

Navdeep s की मां मुकेश रानी और भाभी ने मैच के दिन व्रत रखा था ताकि नवदीप को गोल्ड मेडल मिले। वे प्रार्थना करते हुए टीवी के सामने बैठे रहे और नवदीप के लिए सफलता की मांग की।

भाई की भूमिका महत्वपूर्ण

नवदीप के बड़े भाई मनदीप ने भी उनकी मेहनत में अहम भूमिका निभाई और उन्हें हौसला दिया। वह नवदीप को हर संभव मदद और प्रोत्साहन देते रहे ताकि वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें।

भाला फेंक स्पर्धा में navdeep singh का अनोखा प्रदर्शन

पेरिस पैरालंपिक में नवदीप सिंह ने पुरुष भाला फेंक एफ41 स्पर्धा में शानदार किया। उन्होंने 47.32 मीटर का थ्रो किया, जो उनका बेस्ट था। यह उनका नवदीप सिंह का बेस्ट प्रदर्शन था और उन्होंने पैरालंपिक में नवदीप सिंह का प्रदर्शन को नई ऊंचाइयों पर ले आया।

ईरान के खिलाड़ी ने पांचवें प्रयास में 47.64 मीटर का थ्रो किया था। लेकिन बाद में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया और नवदीप सिंह भाला फेंक को गोल्ड मेडल मिला।

नवदीप सिंह का शानदार प्रदर्शन भारतीय पैरालंपिक टीम के लिए गर्व का क्षण था। उनकी लगन और दृढ़ संकल्प ने उन्हें इस उपलब्धि तक पहुंचाया।

Navdeep singh की सफलता में योगदान

पैरालंपिक खेलों में नवदीप सिंह ने गोल्ड मेडल जीता है। उनकी सफलता में ईरान के खिलाड़ी की गलती ने बड़ा योगदान दिया।

नवदीप सिंह ने भाला फेंक में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 47.64 मीटर के थ्रो से पहला स्थान हासिल किया। लेकिन ईरान के खिलाड़ी बेइत सायाह सादेग ने भी समान दूरी का थ्रो किया था।

लेकिन बाद में ईरान के खिलाड़ी को अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्होंने ओलंपिक और पैरालंपिक नियमों का उल्लंघन किया था। इस कारण नवदीप सिंह को गोल्ड मेडल मिला।

Navdeep singh

इस तरह नवदीप सिंह ने पैरालंपिक में भारत का नाम रोशन किया। ईरान के खिलाड़ी की गलती से उन्हें गोल्ड मेडल मिला।

निष्कर्ष

Navdeep singh ने पेरिस पैरालंपिक में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने पुरुष भाला फेंक एफ41 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है। नवदीप सिंह पैरालंपिक गोल्ड जीतने से भारत के खेल जगत में एक नई मिसाल पेश हुई है।

उनका Navdeep singh प्रदर्शन उनके जुनून और लगन का नतीजा है। उनके परिवार ने उन्हें पूरा समर्थन दिया है।

भारत ने पैरालंपिक में भारत का प्रदर्शन में सुधार किया है। उन्होंने कुल 29 मेडल जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया है। इसमें 7 गोल्ड, 10 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।

नवदीप सिंह का गोल्ड मेडल जीतना भारत के लिए एक प्रेरणा है। यह अन्य पैरा-एथलीटों के लिए एक प्रोत्साहन है।

नवदीप सिंह ने अपने संघर्ष और जज्बे से सभी को प्रेरित किया है। उनकी सफलता भारत के लिए गर्व का क्षण है। भविष्य में और अधिक पदक जीतने की उम्मीद है।

FAQ

Who is Navdeep Singh?

Navdeep Singh is a famous Paralympic athlete from India. He has made India proud in the javelin throw event.

What is Navdeep Singh’s achievement?

Navdeep Singh won the gold medal in the men’s javelin throw F41 event at the Paris Paralympics 2024. This was a historic moment.

Where is Navdeep Singh from?

He was born in Buaana Lakhu village of Panipat, Haryana. Despite tough circumstances, he achieved great success.

How did Navdeep Singh perform at the Paris Paralympics?

In his third attempt, he threw the javelin 47.32 meters. This was his best throw.

What is the significance of Navdeep Singh’s achievement?

His gold medal win shows his hard work and love for the sport. It has inspired many in India.

How did Navdeep Singh’s family support him?

His family, including his mother Mukesh Rani and sister-in-law, supported him fully. They prayed and fasted for his victory.

What was the reason behind Navdeep Singh’s gold medal?

He got the gold medal when the Iranian athlete, Beyt Sayah Sadegh, was disqualified. Sadegh showed a banned flag, breaking Paralympic rules.

What is the overall performance of India at the Paris Paralympics?

India did very well at the Paris Paralympics. They won 29 medals, including 7 gold, 10 silver, and 13 bronze medals. This is a new record.

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