Tishaa : यह खबर सुनकर दिल बहुत दुखी हो जाता है। सिर्फ 21 साल की उम्र में तिशा का इस तरह चले जाना वाकई बहुत दर्दनाक है। कैंसर जैसी बीमारी से इतनी कम उम्र में किसी का सामना होना बहुत ही कठिन होता है।
परिवार ने उनके इलाज के लिए हर संभव कोशिश की, यहां तक कि जर्मनी के टॉप अस्पताल में भी इलाज कराया, लेकिन अफसोस की बात है कि कुछ फायदा नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि नियति को कुछ और ही मंजूर था।
कृष्ण कुमार के लिए यह समय बेहद मुश्किल होगा। एक पिता के लिए अपनी जवान बेटी को खोना सबसे बड़ा दुख होता है। टी-सीरीज के सह-मालिक होने के नाते, वे एक सफल व्यवसायी हैं, लेकिन इस समय उनके लिए यह सब मायने नहीं रखता होगा।
गुलशन कुमार के परिवार और पूरी टी-सीरीज टीम के लिए यह एक बड़ा नुकसान है। उम्मीद है कि वे इस मुश्किल समय में एक-दूसरे को सहारा दे पाएंगे।
यह खबर सुनकर दिल बहुत भारी हो जाता है।
यह खबर सुनकर दिल बहुत भारी हो जाता है। तिशा कुमार का इतनी कम उम्र में चले जाना वाकई बहुत दुखद है।
21 साल की उम्र में किसी को कैंसर जैसी बीमारी से जूझना पड़े, यह सोच कर ही रूह कांप जाती है। परिवार ने उनके इलाज के लिए हर संभव प्रयास किया, यहां तक कि उन्हें जर्मनी भी ले गए, लेकिन अफसोस कि कुछ काम नहीं आया।
18 जुलाई का दिन कृष्ण कुमार और पूरे परिवार के लिए बहुत ही दर्दनाक रहा होगा, जब तिशा ने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। 90 के दशक के मशहूर अभिनेता और टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार के भाई कृष्ण कुमार के लिए यह एक अकल्पनीय नुकसान है।
ऐसे समय में शब्द कम पड़ जाते हैं। उम्मीद है कि परिवार को इस दुख से उबरने की शक्ति मिले। तिशा की आत्मा को शांति मिले।
यह हमारे लिए दुख की घड़ी : Tishaa
यह खबर वाकई दिल दहला देने वाली है। टी-सीरीज के प्रवक्ता का बयान इस त्रासदी की गहराई को दर्शाता है।
तिशा ने लंबे समय तक बीमारी से लड़ाई लड़ी। ऐसा लगता है कि परिवार ने उम्मीद नहीं छोड़ी थी, लेकिन आखिरकार उन्हें इस कठोर सच्चाई का सामना करना पड़ा।
परिवार अभी गहरे सदमे और दुख में है। ऐसे में उनकी निजता का सम्मान करना बहुत जरूरी है। मीडिया और जनता से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे परिवार को शोक मनाने के लिए जगह और समय दें।
इस तरह के नुकसान से उबरने में वक्त लगता है। उम्मीद है कि समय के साथ कृष्ण कुमार और उनका परिवार इस दुख को सहन करने की शक्ति पा सकेंगे।
बेवफा सनम से मिली थी पहचान
अरे हां, कृष्ण कुमार के बारे में ये बातें याद करना दिलचस्प है। उनकी फिल्मी करियर और व्यावसायिक सफलता की झलक देखने को मिलती है इसमें।
‘बेवफा सनम’ 1995 की फिल्म थी, जो कृष्ण कुमार के लिए एक यादगार प्रोजेक्ट साबित हुई। फिल्म के गाने तो आज भी लोगों की जुबान पर हैं। ‘अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का’ और ‘वफा ना रास आई तुझे ओ हरजाई’ – ये गाने तो वाकई दिल को छू लेने वाले थे। 90s के दौर में इन गानों ने खूब धूम मचाई थी।
और हां, कृष्ण कुमार सिर्फ एक्टर ही नहीं, बल्कि एक सफल बिजनेसमैन भी हैं। टी-सीरीज के सह-मालिक होना कोई छोटी बात नहीं है। आखिर ये देश की सबसे बड़ी म्यूजिक प्रोडक्शन कंपनी है। फिल्मों से लेकर संगीत तक, टी-सीरीज का योगदान भारतीय मनोरंजन जगत में बहुत बड़ा है।
लेकिन इस वक्त, ये सारी उपलब्धियां शायद उनके लिए मायने नहीं रखतीं होंगी। बेटी के जाने का दुख इन सब पर भारी पड़ रहा होगा।
फल बेचते थे कृष्ण कुमार के पिता
वाह, ये जानकारी तो कृष्ण कुमार और टी-सीरीज परिवार के इतिहास पर एक नया रोशनी डालती है।
सोचिए, एक ऐसा परिवार जो फल बेचने से शुरू हुआ और आज भारत के सबसे बड़े मनोरंजन साम्राज्यों में से एक का मालिक है। ये वाकई एक प्रेरणादायक कहानी है।
कृष्ण कुमार के पिता चंद्रभान जी का विभाजन के बाद दिल्ली आना, फिर यहाँ से नई शुरुआत करना – ये सब सोचकर लगता है कि परिवार ने कितने उतार-चढ़ाव देखे होंगे।
गुलशन कुमार जी की हत्या तो एक बहुत ही दुखद घटना थी। मंदिर से लौटते वक्त उनकी जान चली गई – ये सुनकर रूह कांप जाती है। लेकिन उन्होंने जो काम शुरू किया था, उसे कृष्ण जी ने आगे बढ़ाया।
और हाँ, गुलशन जी की नज़र भी कमाल की थी। सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल जैसे सिंगर्स को पहचानना और उन्हें मौका देना – ये कोई छोटी बात नहीं है।
कृष्ण जी की शादी तान्या सिंह से होना भी दिलचस्प है। म्यूजिक कंपोजर अजित सिंह की बेटी से शादी – लगता है संगीत इस परिवार के खून में है।