Rajnath Singh की US यात्रा के बारे में यह खबर काफी दिलचस्प है। वो पांच दिन US में रहेंगे और तेजस विमान के इंजन की समस्या पर बात करेंगे। लगता है कि GE कंपनी इंजन देने में देरी कर रही है, जो भारत के लिए चिंता की बात है।
Rajnath जी को उम्मीद होगी कि इस यात्रा में वो अमेरिकी अधिकारियों को समझा पाएंगे कि यह इंजन भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
Rajnath Singh की US यात्रा का समय बहुत रोचक लग रहा है।
Rajnath Singh की US यात्रा का समय बहुत रोचक लग रहा है। देखो, हाल ही में भारत ने कुछ बड़े रक्षा फैसले लिए हैं।
पहले तो उन्होंने अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का मन बनाया है। ये ड्रोन काफी शक्तिशाली होते हैं और दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले कर सकते हैं।
फिर, भारतीय नौसेना ने क्वाड देशों (भारत, US, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के साथ मिलकर समुद्र में नज़र रखने के लिए एक नया सिस्टम अपनाया है। इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की ताकत बढ़ेगी।
Rajnath Singh की US यात्रा में कुछ बड़ी बातें होने वाली हैं।
सबसे पहले, वो अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मिलेंगे। दोनों देश मिलकर अपनी रक्षा दोस्ती और मजबूत करना चाहते हैं।
फिर, वो ड्रोन डील की बात करेंगे। भारत ने US से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का फैसला कर लिया है। पहले इस डील में कुछ अड़चनें थीं, लेकिन अब वो दूर हो गई हैं।
एक दिलचस्प बात ये है कि भारत चाहता था कि इन ड्रोन पर अपनी बनाई मिसाइलें लगाए। लेकिन अमेरिकी कंपनी इसके लिए बहुत ज्यादा पैसे मांग रही थी, इसलिए ये आइडिया छोड़ दिया गया।
अब इस डील में 30% चीजें भारत में ही बनेंगी। ये भारत के लिए अच्छी बात है क्योंकि इससे हमारी टेक्नोलॉजी भी आगे बढ़ेगी।
प्रीडेटर डील:
- प्रीडेटर डील:
भारत 31 बड़े ड्रोन खरीद रहा है, जो मिसाइलें और बम भी ले जा सकते हैं। इसकी कीमत करीब 3.9 अरब डॉलर है। ये ड्रोन भारत की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे। - समुद्री निगरानी में नया कदम:
भारत अब एक नए समूह में शामिल हो रहा है, जिसे IPMDA कहते हैं। इसमें भारत, US, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। ये सभी देश मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर नज़र रखेंगे। - हॉकआई 360 की मदद:
इस काम के लिए एक कंपनी की मदद ली जाएगी, जिसके पास 36 उपग्रह हैं। ये उपग्रह समुद्र में होने वाली हर गतिविधि पर नज़र रखेंगे। - क्या-क्या पता चलेगा?
- कौन से जहाज चुपके-चुपके घूम रहे हैं
- कहीं आतंकवादी तो नहीं घूम रहे
- ड्रग्स या हथियारों की तस्करी
- दूसरे देशों के जहाज जो चुपके से जासूसी कर रहे हों
हॉकआई 360 उपग्रह तो बड़े कमाल के हैं!
समुद्र में कुछ शरारती लोग हैं जो चोरी-छिपे अपना काम करना चाहते हैं। वे अपने जहाज का ‘ट्रांसपोंडर’ बंद कर देते हैं। ट्रांसपोंडर एक ऐसा उपकरण है जो बताता है कि जहाज कहां है।
लेकिन ये शातिर लोग भूल जाते हैं कि उनके जहाज से रेडियो तरंगें तो फिर भी निकलती हैं। और यहीं पर हॉकआई के उपग्रह काम आते हैं। ये उपग्रह इन रेडियो तरंगों को पकड़ लेते हैं और पता लगा लेते हैं कि कोई शरारत हो रही है।
इससे क्या फायदा होता है?
- समुद्री डाकुओं पर नज़र रखी जा सकती है, जो अदन की खाड़ी जैसी जगहों पर व्यापारी जहाजों पर हमला करते हैं।
- आतंकवादियों पर भी नज़र रखी जा सकती है, जो अरब सागर में युद्धपोतों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं।
IPMDA के पीछे एक बड़ा मकसद है।
- IPMDA का मतलब है क्वाड देशों (भारत, US, जापान और ऑस्ट्रेलिया) को एक साथ लाना। ये सभी देश मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर नजर रखेंगे।
- इसका एक बड़ा मकसद है दक्षिण-पूर्व एशिया में जहाजों की आवाजाही को सुरक्षित रखना। कोई भी देश यहां के समुद्री रास्तों को बंद नहीं कर सकता।
- भारतीय नौसेना इस प्लान में शामिल होने के लिए तैयार बैठी है। जैसे ही सरकार हरी झंडी दिखाएगी, वो हॉकआई 360 के साथ काम शुरू कर देगी।
यह कदम बताता है कि भारत अब दुनिया के बड़े मुद्दों पर अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। साथ ही, यह चीन जैसे देशों को भी संदेश देता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कोई मनमानी नहीं चलेगी।
तेजस मार्क
- तेजस मार्क II के लिए अच्छी खबर:
GE-414 इंजन की टेक्नोलॉजी भारत को मिलने की प्रक्रिया ठीक चल रही है। इससे भविष्य में भारत अपने दम पर ये इंजन बना सकेगा। - तेजस मार्क IA के लिए चिंता:
लेकिन मौजूदा तेजस मार्क IA विमानों के लिए GE-404 इंजन की डिलीवरी में देरी हो रही है। ये तैयार इंजन हैं जो सीधे लगाए जा सकते हैं। - भारत की चिंता:
इस देरी से भारत परेशान है। क्योंकि इससे नए विमानों को तैयार करने में रुकावट आ रही होगी। - Rajnath Singh का मिशन:
रक्षा मंत्री Rajnath Singh US में इस मुद्दे को उठाएंगे। वे कहेंगे कि हमें ये इंजन जल्द से जल्द चाहिए।
ये मामला दिखाता है कि हाई-टेक रक्षा उपकरणों के लिए भारत अभी भी दूसरे देशों पर निर्भर है। लेकिन साथ ही, भारत इस निर्भरता को कम करने की कोशिश भी कर रहा है।
Rajnath Singh की US यात्रा तो काफी महत्वपूर्ण लग रही है।
- Rajnath जी की यात्रा:
वे 21 से 25 अगस्त तक US में रहेंगे। इस दौरान वे कई बड़े मुद्दों पर बात करेंगे। - चीन पर चर्चा:
वे चीन जैसे बढ़ते हुए एशियाई देशों के बारे में US से बात करेंगे। शायद दोनों देश मिलकर इन चुनौतियों का सामना करने की रणनीति बनाएंगे। - समुद्री सुरक्षा:
गाजा में इजरायल के युद्ध के बाद, कुछ लोग ड्रोन से व्यापारी जहाजों पर हमला कर रहे हैं। इस खतरे पर भी बात होगी। - मोदी जी की यात्रा:
जब Rajnath जी US में होंगे, उसी समय प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड और यूक्रेन जाएंगे। यह यात्रा भी बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण।
ये दोनों यात्राएं एक साथ हो रही हैं, जो दिखाता है कि भारत दुनिया के बड़े मुद्दों पर अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।
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