Vinesh Phogat की अपील को खेल पंचाट न्यायालय (CAS) ने खारिज कर दिया है। भारतीय ओलंपिक संघ के वकील विदुषपत सिंघानिया ने बताया कि उन्हें अभी तक सिर्फ एक लाइन का फैसला मिला है, जिसमें बस इतना कहा गया है कि अपील खारिज हो गई है।
CAS ने अपने फैसले में यह नहीं बताया कि Vinesh की अपील क्यों खारिज की गई। विदुषपत के मुताबिक, अगर Vinesh चाहें तो वो इस फैसले के खिलाफ 30 दिनों के अंदर स्विस फेडरल ट्रिब्यूनल में अपील कर सकती हैं।
यह सारा मामला 7 अगस्त को शुरू हुआ था, जब Vinesh ने CAS में अपील दायर की थी। अब CAS ने उस अपील को खारिज कर दिया है।
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विदुषपत सिंघानिया, जो Vinesh Phogat के वकील हैं
विदुषपत सिंघानिया, जो Vinesh Phogat के वकील हैं, ने बताया कि उन्हें अभी तक पूरा फैसला नहीं मिला है। बस एक लाइन का संदेश आया है कि Vinesh की अपील मंजूर नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि वे इस फैसले से हैरान और दुखी हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कोर्ट ने Vinesh की अपील क्यों ठुकराई और फैसला देने में इतना वक्त क्यों लगाया।
अब वे पूरे फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जो शायद 10-15 दिनों में आ जाएगा। उसके बाद उनके पास 30 दिन का समय होगा अगर वे इस फैसले के खिलाफ स्विस फेडरल ट्रिब्यूनल में अपील करना चाहें तो।
विदुषपत ने यह भी बताया कि मशहूर वकील हरीश साल्वे उनकी मदद कर रहे हैं। वे साथ मिलकर अगली अपील की तैयारी करेंगे।
भारतीय ओलंपिक संघ ने बताया कि इस केस का फैसला पहले मंगलवार रात को आना था।
Vinesh Phogat: भारतीय ओलंपिक संघ ने बताया कि इस केस का फैसला पहले मंगलवार रात को आना था। यानी 13 अगस्त को रात 9:30 बजे।
लेकिन फिर कोर्ट ने कहा कि वो फैसला 16 अगस्त तक नहीं सुनाएगी।
पर अचानक से, बुधवार को ही फैसला आ गया। यानी जो फैसला गुरुवार को आना था, वो एक दिन पहले ही आ गया।
Vinesh Phogat को 7 अगस्त को एक बड़ा मैच खेलना था।
Vinesh Phogat को 7 अगस्त को एक बड़ा मैच खेलना था। उन्हें अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से गोल्ड मेडल के लिए भिड़ना था।
पर मैच से पहले एक बड़ी दिक्कत आ गई। कुश्ती में हर खिलाड़ी का एक तय वजन होना चाहिए। Vinesh को 50 किलो वजन वर्ग में खेलना था।
जब उनका वजन नापा गया, तो पता चला कि वो 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा वजन की हैं। बस इन 100 ग्राम की वजह से उन्हें मैच से बाहर कर दिया गया।
यानी Vinesh गोल्ड मेडल मैच खेलने से चूक गईं, वो भी सिर्फ 100 ग्राम के कारण। आप सोच सकते हैं कि यह उनके लिए कितना निराशाजनक रहा होगा।
Vinesh ने कहा कि भले ही उन्हें फाइनल मैच नहीं खेलने दिया गया,
Vinesh Phogat ने कहा कि भले ही उन्हें फाइनल मैच नहीं खेलने दिया गया, फिर भी उन्हें सिल्वर मेडल (रजत पदक) दिया जाना चाहिए। क्योंकि वो फाइनल तक पहुंची थीं।
दरअसल, कुश्ती में आमतौर पर दो गोल्ड मेडल के दावेदार होते हैं। जो जीतता है, उसे गोल्ड मिलता है और दूसरे को सिल्वर। Vinesh का कहना था कि चूंकि वो फाइनल में थीं, इसलिए उन्हें कम से कम सिल्वर तो मिलना ही चाहिए।
8 अगस्त को Vinesh ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी।
8 अगस्त को Vinesh ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी। इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि वो कुश्ती छोड़ रही हैं। यह एक बहुत ही भावुक पोस्ट थी।
Vinesh ने लिखा:
“मां, अखाड़े की धूल में मेरे सपने बिखर गए, आपकी उम्मीदों का दीया मेरे हाथों से छूट गया। क्षमा करें, मेरी शक्ति अब थक चुकी है, संघर्ष की ज्वाला अब बुझ चुकी है।”
उन्होंने यह भी लिखा कि वो 2001 से 2024 तक कुश्ती से जुड़ी रहीं। अब वो इसे अलविदा कह रही हैं। उन्होंने सभी से माफी मांगी और कहा कि वो हमेशा सबकी आभारी रहेंगी।
यह पोस्ट बताती है कि Vinesh कितनी दुखी और निराश थीं। एक खिलाड़ी के लिए अपने खेल को छोड़ना बहुत बड़ा फैसला होता है।
Vinesh Phogat जिस मुकाबले में नहीं खेल पाईं, उसका नतीजा आ गया।
Vinesh Phogat जिस मुकाबले में नहीं खेल पाईं, उसका नतीजा आ गया।
अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट ने वो मैच जीत लिया। उन्होंने क्यूबा की खिलाड़ी युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ को हराया।
यह मैच महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती का था। इसमें जीतकर हिल्डेब्रांट ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
अगर Vinesh इस मैच में होतीं, तो शायद नतीजा कुछ और होता। लेकिन अब तो हिल्डेब्रांट चैंपियन बन गई हैं।
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